Database Management System (DBMS) ने इनफार्मेशन एज के युग में एक अद्वितीय भूमिका निभाई है। यह उपकरण कंप्यूटर सिस्टम में डेटा को संगठित करने और प्रबंधित करने की क्षमता प्रदान करता है। DBMS का उपयोग डेटा को अद्यतित करने, डेटा को जोड़ने, डेटा को हटाने, डेटा को खोजने और डेटा को संगठित करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग व्यापक रूप से विभिन्न उद्योगों, सरकारी संगठनों और व्यापारों में किया जाता है। इसलिए, आज हम आपको History Of DBMS In Hindi के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, विशेष रूप से देश भाषा हिंदी में।

Database Management का संक्षिप्त इतिहास | History Of DBMS In Hindi

Database Management (Database Management ) एक महत्वपूर्ण ज्ञानकोशियां (knowledge base) है, जिसका उपयोग सुरक्षित और संगठित ढंग से डेटा संग्रहीत करने और पहुंचने के लिए किया जाता है। Database Management का उद्भव और विकास आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान के महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में माना जाता है। यह आरंभिक इंटरनेट और वेब युग में साझा Data Management  के लिए आवश्यकता के साथ उभरा।

यहाँ हम History Of DBMS In Hindi के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करेंगे।

अग्रणी प्राथमिकताएं | Predecessor Priorities


Database Management का उद्भव हुआ वर्ष १९६० के दशक में, जब प्राथमिक संग्रहीत डेटा को मेनफ्रेम और डंप टैंक (Dump Tank) की मदद से Users द्वारा संग्रहीत किया जाता था। यह ढंग संग्रहीत Data Management  के लिए असंगठित था और उपयोगकर्ता को अधिकांश मदद के बिना अपनी जानकारी खोजनी पड़ती थी।

हार्वर्ड डब्ल्यू एचएस | Harvard W.H.S.

वर्ष १९६१ में, Database Management क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यापक एच.ए. सिमन्ड्स (H.A. Simmons) द्वारा की गई। उन्होंने “हार्वर्ड डब्ल्यू एचएस” नामक प्रणाली विकसित की, जिसमें डेटाबेस को व्यक्तिगत और औपचारिक ढंग से प्रबंधित किया जा सकता था। इस प्रणाली ने व्यापक रूप से Database Management क्षेत्र को बदल दिया और आगामी वर्षों में उसका विस्तार हुआ।

संघटित और अव्यवस्थित कार्यप्रणाली | Integrated and Organized System

वर्ष १९६३ में, चार्ल्स बचमन (Charles Bachman) द्वारा प्रदर्शित हुई “संघटित और अव्यवस्थित कार्यप्रणाली” (Integrated and Organized System) नामक प्रणाली के द्वारा Database Management की दुनिया में एक महत्वपूर्ण प्रवेश हुआ। इस प्रणाली ने डेटाबेस को हेयरार्कियल ढंग से संगठित करने और डेटा अद्यतित करने की सुविधा प्रदान की। इस प्रणाली ने संग्रहीत Data Management  को सरल और सुरक्षित बनाया और Database Management क्षेत्र में नई प्रेरणादायक राह खोल दी।

अनुबंधक मॉडल | Hierarchical Model

अनुबंधक मॉडल Database Management के एक और प्रमुख पहलु है। वर्ष १९६४ में, एच.एस. पेन्केक (H.S. Peckham) और जॉन टू (J.W. Tukey) ने अपनी संशोधित भूमिका में एक अनुबंधक मॉडल की प्रस्तावना की। इस मॉडल में, डेटा को पेड़ की तरह व्यवस्थित किया जाता है, जहां प्रत्येक डेटा इकाई का एक प्रमुख निर्देशक होता है और उसके नीचे उपनिर्देशक होते हैं। यह मॉडल हार्वर्ड डब्ल्यू एचएस की प्राथमिकता को और बढ़ाकर डेटा के व्यवस्थित प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है।

रिलेशनल मॉडल | Relational Model

वर्ष १९७० में, ईफ़ा देट (Edgar F. Codd) ने रिलेशनल मॉडल नामक एक प्रस्तावित मॉडल का प्रस्ताव किया। इस मॉडल के आधार पर, डेटाबेस को तालिकात्मक ढंग से संगठित किया जाता है और डेटा के बीच संबंधों को प्रबंधित किया जाता है। रिलेशनल मॉडल की प्रभावी व्यवस्था ने Database Management क्षेत्र में एक रिवोल्यूशनरी परिवर्तन का उद्घाटन किया और यह आधुनिक डेटाबेस प्रणालियों का मूल आधार बन गया है।

वास्तविकता और सुविधाजनकता | Realism and Convenience

वर्ष १९७४ में, डॉनाल्ड डेफ (Donald D. Dif) ने Database Management में एक अद्यतितीकरण करने के लिए एक नई पहल प्रस्तावित की। इस पहल का उद्देश्य था कि Users को अधिक सुविधा और संग्रहीत डेटा की अद्यतन क्षमता प्रदान की जाए। इस पहल ने संग्रहीत Data Management  को अधिक वास्तविक और सुविधाजनक बनाया।

आयकर प्रबंधन प्रणाली | Tax Management System

वर्ष १९७७ में, आयकर प्रबंधन प्रणाली (Tax Management System) नामक एक प्रणाली विकसित हुई, जिसका उद्देश्य सरकारी आयकर के लिए Database Management करना था। इस प्रणाली ने सरकारी आयकर विभागों को आसानी से डेटा एकीकृत करने की सुविधा प्रदान की और आयकर संबंधित कार्यों को सुगम बनाया।

इस तरह, Database Management क्षेत्र में नवीनतम साढ़े तीन दशकों में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं जो Database Management की विकास और वृद्धि को बढ़ाने में मददगार साबित हुए हैं। आज, Database Management क्षेत्र में विभिन्न प्रणालियों और प्रोटोकॉलों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि Federated Database, Relational Database, Object Database, Proximity Database, आदि। इन प्रणालियों का उपयोग व्यापक रूप से Business, Science, Government Sector, IT Sector,आदि में किया जाता है और Users को अधिक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।

निष्कर्ष

History Of DBMS In Hindi यहाँ तक की है, जो एक महत्वपूर्ण विज्ञान का रूप ले चुका है और जिसने डेटा संग्रहीत करने, प्रबंधित करने और पहुंचने के तरीकों में बहुतायती सुधार किए हैं। यह संक्षेप में प्रस्तुत किए गए History Of DBMS In Hindi के माध्यम से हमें Database Management के महत्वपूर्ण पहलुओं की अवधारणा प्राप्त हुई है और हमें यह दिखा रहा है कि कैसे Database Management विज्ञान के विकास ने हमारे संगठनों और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित किया है।

आज, हमारी दैनिक गतिविधियों में Database Management का उपयोग सामान्य हो चुका है और हम उसके महत्व को अनुभव कर रहे हैं। भविष्य में, Database Management क्षेत्र की उन्नति और नवीनतम तकनीकी प्रगति हमें और अधिक सुविधाएं प्रदान करेगी और हमारे जीवन को और अधिक सरल बनाएगी।

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