हेलो दोस्तों,कंप्यूटर शिक्षा में आप को मेरी तरफ से बहुत-बहुत स्वागत है. तो कैसे हो सब. उम्मीद है कि आप सब अच्छे होंगे। मैं भी अच्छा हूं। पिछले लेख में हम बात किए थे कि नेटवर्किंग स्विच क्या होता है आज हम बात करेंगे नेटवर्किंग राउटर के बारे में. नेटवर्किंग Device के बारे में हमारा वेबसाइट में एक सीरीज है जिसको आप नोट्स में जाकर पढ़ सकते हैं. बिना देर किए चलिए जानते हैं राउटर के बारेमें.
राउटर डिवाइस क्या होता हैं | Router Kya Hai
राउटर एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो दो या इससे ज्यादा सिस्टम को कनेक्ट करता है.राउटर simple सा नेटवर्क सर्कल गठन करता है जिसके माध्यम से हम किसी भी प्रकार डाटा या सॉफ्टवेयर को शेयर कर सकते हैं.
Router एक networking devices है जो multiple कंप्युटर को आपस में wired ओर wirelessly data शेयर करने के लिए connected करके रखता हैं.
सरल भाषा में इसको समझाऊं तो एक यंत्र जो एक device को दूसरे device से जुड़ने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसको inter neworking Device भी बोला जाता किसी प्रकार device को जोड़कर उनपर इंटरनेट कनेक्शन के लिये जरूरत होता हैं।आज का समय में लगवाग जितना भी राउटर बाजार में उपलब्ध होती हैं सभी पर एक ethernet port रहता है क्यों कि वहां पर एक केवल या DSL modem ethernet port को कनेक्ट किया जा सके.
Router In Computer Network In Hindi
राउटर एक ऐसी यंत्र होती है जो कंप्यूटर नेटवर्क में अलग-अलग उपकरणों, जैसे कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट को जोड़ने में मदद करती है। यह एक ट्रैफिक कॉप की तरह काम करता है, जो डेटा पैकेट को उसके उद्देश्यित गंतव्य की ओर निर्देशित करता है।
चलो मान लो कि आप अपने कंप्यूटर पर एक वेबसाइट तक पहुंचना चाहते हैं। आपका कंप्यूटर राउटर को वेबसाइट के लिए एक अनुरोध भेजेगा। राउटर फिर अपने डेटाबेस में जाँच करेगा कि वेबसाइट कहाँ स्थित है और उचित उपकरण, जैसे कि सर्वर को अनुरोध भेजेगा, जो फिर आपके कंप्यूटर को वेबसाइट भेजेगा।
राउटर के इतिहास |History Of Router In Hindi
Router बनवाने का आइडिया एक रिसर्च टीम के द्वारा आया था जो कंप्यूटर नेटवर्किंग के उपर deal करते हैं। 1972 में एक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन कंपनी INTERNATIONAL FEDERATION FOR INFORMATION PROCESSING कमिटी के द्वारा ये आया था। 1974 में दुनिया का सबसे पहला राउटर का devlop किया गया। 1976 में PDP-11 का राउटर को इंटरनेट का Prototype experimental version बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। 1970 सतब्दी से लेके 1980 सताब्दी के अंदर mini computer को एक राउटर कि तरह इस्तेमाल किया गया था।
राउटर काम केसे करता हैं |How Router Works
नेटवर्किंग डिवाइस का मतलब यह नहीं कि सबका काम एक तरह कि हो। कुछ डिफेंस का काम एक जैसे होता है पर उनके अंदर भी कुछ कुछ अलग प्रोसेस होता है जो हर एक डिवाइस नहीं कर सकते। आइए जानते हैं डॉक्टर कैसे काम करता है और किसी लेयर पर काम करता हैं।
पहले राउटर एक टेबल बनाता है जिसमें route और conditions का उपलब्धि होता हैं। यह इसलिए जरूरी होता है क्योंकि रब्बर जब भी कुछ डाटा भेजता है, पहले वो भेजने के लिए अच्छा Path का चयन करता है। Router पर राइटिंग टेबल इसीलिए होता है क्योंकि उपलब्ध route के बारे में quick decision ले पाए। इसका में एक उदाहरण देता हूं तो आप अच्छे से समझ पाएंगे, सोच लीजिए आप को flight में मुंबई से दिल्ली जाना है। तो आप पहले यह चेक करोगे कि दिल्ली जाने के लिए सबसे छोटा path कोनसा हैं क्यों की यह आपका समय के साथ साथ budget भी बचायेगा। कुछ ऐसे राउटर की क्षेत्रों में भी होता है।
Router एक 3 layer पे काम करने वाला नेटवर्क गेटवे डिवाइस है। जिसका अर्थ यह होता है कि यह एक ही बार में कोई device के साथ जुड़ सकता है। ये OSI model नेटवर्क से परिचालित होता हैं।राउटर device में कई सारे कंपोनेंट्स होता है जैसे कि Processer, विभिन्न प्रकार के मेमोरी और कुछ I/O (Input & Output) interfaces। ये Network layer,Logical Address,IP address (internet protocol) जैसे चीजों को Access कर पाता हैं। Routing table डायनमिक होते हैं जो routing table को अपडेट कर पाएं।
राउटर के प्रकार |Types Of Router
आप कंप्यूटर की स्टूडेंट है तो आपको इसके बारे में पता होगा यह दो तरह के होते हैं और मार्केट में भी widely दो तरह की राउटर उपलब्ध होते हैं।
- Wired Router
- Wireless Router
और मैं आज आपको और तीन राउटर के बारे में भी बताने वाला हूं।
- Virtual Router
- Core Router & Edge Router
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Wired Router
Wired router देखने के लिए एक Box-Shaped Device होते हैं। Wired राउटर का मतलब आप उसका नाम से समझ चुके होंगे, जो wired connection और cables के माध्यम से Communicate करने के लिए जुड़े हुए होते हैं। इसी तरह का device का एक Port इंटरनेट डाटा पैक के लिए modem के सह जुड़े हुए होते है और बाकी सब Port के माध्यम से इंटरनेट पैक को distribution के लिए अलग अलग कंप्यूटर के साथ जुड़े हुए होते हैं।
उदाहरण के स्वरूप इथरनेट ब्रॉडबैंड राउटर को लेते हैं जो NAT(Network Address Translation) टेक्नॉलॉजी को सपोर्ट करता है। ये अलग अलग कंप्युटर को एक wired Router में कनेक्ट करके सिंगल IP ADDRESS (internet protocol) को शेयर करता हैं। ये एक नेटवर्क के अंदर कई सारे कंप्युटर के बीच में communication स्थापन करने के समय security Perpose के लिए (SPI) firewall का इस्तेमाल करता है।
Wired Router 5-32 Port तक आते हैं। जिसमे RJ-45 का तार (cable) का इस्तेमाल किया जाता हैं। RJ-45 तार को जितना भी कंप्यूटर या लैपटॉप होते हैं सब पर राउटर को उनके साथ जोड़ने के लिए इस्तेमाल होते हैं। wired Router का कीमत बाजार में ₹500 से शुरू होते हैं।
Wireless Router
जैसे wired router का एक port से इंटरनेट डाटा पैक के लिए modem के साथ जुड़ा जाता है वैसे wireless Router कि क्षेत्र में भी उसका एक port से केवल कि सहायता से modem के साथ जुड़ा जाता है। पर इसमें ये खास बात ये है कि डाटा को कंप्यूटर या लैपटप तक पहुंचाने के लिए कोई भी केवल कि जरूरत नहीं होती बल्कि एक और उससे ज्यादा antennae कि प्रयोग किया जाता है। हो सकता है कभी कभी ये antennae आपको दिखे या ना दिखे,क्यों कि कुछ राउटर के antennae राउटर के अंदर होते हैं।
Wireless router काम केसे करता हैं
संक्षिप्त में बोले तो wireless राउटर सिग्नल के माध्यम से काम करता है। आइए इसको अच्छे से समझते हैं। Wireless router binary code (0,1) को carry करता हैं। इनमें डाटा पैकेट 1s & 0s का एक सिरीज़ रहता है,जो router से निकलते समय radio signal से convert होकर wirelessly broadcast होता हैं। जो कंप्यूटर wirelessly उसका साथ जुड़ा हुआ होता हैं उसने वो radio signal को फिर से binary code में convert करके receive करता हैं। क्योंकि आप जानते हैं कंप्यूटर बाइनरी कॉड को ही समझता है।
Wired Router एक wired LAN (local area network) गठन करता हैं जहां पर एक wireless router एक wireless LAN गठन करता है।जिसको हम संक्षिप्त में (WALN) भी बोलते हैं। wi-fi (wireless fidelity) को आप उदाहरण के रूप में भी ले सकते हैं।
Virtual Router
अक्सर लोग virtual router को एक wireless router की तरह ही मानते हैं। पर यह गलत है। Virtual router, wireless router से थोड़ा अलग होता है। ये कंप्युटर में default router कि तरह नेटवर्क शेयर करने का काम करता है। ये VRRP (virtual router rudundancy protocol) से function होता हैं और जब प्राइमरी,फिजिकल राउटर काम करना बंद कर देते हैं तब यह एक्टिव होता है नहीं तो ये ऐसे disabled हो के रहता हैं।
Core Router & Edge Router
Core राउटर एक प्रकार कि राउटर होते हैं जो दोनों wired & wirelessly available होते हैं जो इंटरनेट पैकेट को एक नेटवर्क के अंदर डिस्ट्रीब्यूट करते हैं ना कि wired Router और wireless router मल्टीपल नेटवर्क्स में डिस्ट्रीब्यूट करते हैं।
Edge राउटर भी wired & wirelessly available होते हैं जो एक या एक से ज्यादा नेटवर्क्स में इन्टरनेट का डिस्ट्रीब्यूशन का काम करते हैं। पर ये कभी एक नेटवर्क के अंदर डाटा पैकेट को डिस्ट्रीब्यूट नहीं करते हैं।
Conclusion
तो यह थे राउटर क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं। देखा जाए तो हर जगह राउटर दो तरह के होते हैं बोला जाता है। पर यह वास्तव में पांच प्रकार के होते हैं। उम्मीद है कि हमारे ये लेख ‘राउटर क्या है‘ आपको अच्छा लगा होगा । हमने आपको बहुत सिंपल तरीके से समझाने के लिए कोशिश किया। राउटर के बारे में आपका क्या राय है आप हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरुर शेयर करें।
यदि आप हमको कुछ इसके बारे में suggestion देना चाहते हैं तो आप हमको जरूर दें जो हमारी काम में आए। आप हमारे PDF पेज को जाकर इसके बारे में नोट्स को पा सकते हैं। इसके बारे में कुछ doubt है तो आप हमको Contact कर सकते हैं। धन्यवाद
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