आज का technology बहुत आगे जा चुका है, आज के जमाने में सारे डिवाइस वायरलेस होते जा रहे हैं जैसे बिना तार के music या बिना तार के music, यह सब केवल संभव हो पाया है bluetooth के बजेसे। आपने तो ब्लूटूथ के नाम सुना ही होगा इसका काम होता है दो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आपस में जोड़ना और डाटा shairing करना।
Bluetooth क्या है
ये एक डिवाइस है जिसका आविष्कार Ericsson company में रेडियो प्रणाली पर काम रेहे Jaap Haartseen ने 1994 में कियाथा। यह एक ऐसा बिना तार की technique है जिसके द्वारा दो या उससे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आपस में जोड़ के डाटा का आदान-प्रदान किया जा सकता है। यह communication के लिए low frequency radio web का उपयोग करता है। हम दूसरी wireless communication के बात करें तब उनकी तुलना में डाटा transmission होने की दूर बहुत कम होती है।
इसमें 10 मीटर से लेके 100 मीटर तक डिवाइस को जोड़ने की शक्ति होता है। यह technology के वजह से यूजर को कोई भी cable, adaptor, या code की जरूरत नहीं पड़ती है ये उन्हें wirelessly communicate करनेकी अनुमति देती है। यह ज्यादा से ज्यादा 7 डिवाइस से कनेक्ट हो सकता है और इसका मुख्या इस्तेमाल smart phone, printer, computer और भी बहुत सारे इंडस्ट्री में किया जाता है।
इतिहास
इसी technology का नाम एक राजा Herald Bluetooth से लिया गया था जोकि 10th सेंचुरी में शासन किया करते थे। यह राजा ने उसी समय मैं युद्ध में लगे हुए राजाओं को लड़ने के वजह आपस में दोस्ती करने की राजनीति की,जैसेकी बहुत सी राजा युद्ध से बच सकें। उनकी ऐसा प्रक्रिया से यह technique का नाम Bluetooth रखा गया जो कि एक एक समय में कोई तरहा का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को जोड़कर आपस में डाटा को आदान प्रदान कर सके।
Bluetooth काम कैसे करता है
इसको उपयोग करने के लिए सबसे पहले डिवाइस में उपलब्ध किया गया Bluetooth option को on करना पड़ता है इसके बाद यह डिवाइस आसपास का डिवाइस को ढूंढ कर उसके साथ कनेक्ट हो जाता है। जब यह डिवाइस आपस में जुड़ जाती है तब इनके बीच एक नेटवर्क का निर्माण होता है, नेटवर्क निर्माण होने के बाद यह डिवाइस संचार करने के लिए तैयार हो सकता है और फिर डेटा को आदान प्रदान करना आरंभ कर लेता है। अगर एक डिवाइस दूसरे डिवाइस के रेंज है बाहर जाते हैं तो इन दोनों का संबंध टूट जाता है।
यह काम करता है 2.40GHz से लेकर 2.485GHz frequency पर। इसकी friquency 1 सेकंड में 1600 बार बदलती है,बदलने के बाद जो इसके अंदर का डाटा होता है इतना adequately होता है कि जो उसके अंदर डेटा खराब हो सके उनकी chances बहुत ज़्यादा कम हो जाता है। इसमें आप एक डिवाइस को साथ 7 डिवाइस को कनेक्ट कर सकते हो और इसकी जो power efficiency है वह बहुत ज़्यादा अच्छी है। हमारे जो नेया जमाने का ब्लूटूथ है उसका पावर 0.5MA पे काम करता है जो कि बोहोत ज़्यादा कम है।
इसी technology में मुख्यतः दो प्रकार का टेक्नोलॉजी होता है एक है piconet दूसरा scatternet.
Piconet
यह piconet डिवाइस तब बनाता है जब एक मास्टर डिवाइस और एक slave डिवाइस या फिर एक मास्टर डिवाइस और बहुत सारे स्लैब डिवाइस मौजूद होते हैं। इसमें ज़्यादा से ज़्यादा 7 active slave ही रेहे सकते हैं। Piconet में एक ही मास्टर डिवाइस हो सकता है इसीलिए इसमें one to one या one to many कम्युनिकेशन हो सकता है।
One to one में जब मास्टर डिवाइस डेटा भेजता है तब केवल एक ही slave डिवाइस डाटा रिसीव कर सकता है लेकिन one to many में जब मास्टर डिवाइस डाटा भेजता है तो 7 डिवाइस डाटा रिसीव कर सकता है।
Scatternet
Multiple piconet की combination को scatternet काहा जाता है। एक piconet में जो slave डिवाइस है वही डिवाइस दूसरे piconet में मास्टर डिवाइस की तरह काम कर सकता है, इसी वजह से एक डिवाइस 2 piconets का हिस्सा होती है लेकिन एक डिवाइस एक से ज़्यादा piconet में डिवाइस नहीं हो सकता।
Bluetooth को mobile से कनेक्ट कैसे करें
सबसे पहले आपको Bluetooth पर एक बटन दिखाई देगा तो उसी बटन को ऑन करके फिर मोबाइल लेकर उसमें सेटिंग पर जाना है उसके बाद उसमें एक ब्लूटूथ का option आएगा उसी को क्लिक करके उसको on करके रखना है, on करने के बाद उसमें आपकी ब्लूटूथ का नाम आएगा उसी नाम से क्लिक करने से ही वह कनेक्ट हो जाएगा।
Bluetooth के फायदे
- Bluetooth दो डिवाइस को बिना किसी तार की माध्यम से जोड़ा जा सकता है।
- इसका इस्तेमाल बोहोत सी product जेसेकि monitor, mouse, keyboard, printer, mobile, camera, etc में इस्तेमाल होता है।
- एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डेटा आदान प्रदान किया जा सकता है।
- सभी peripheral डिवाइस को बिना तार की माध्यम से बड़े आसानी से pc में कनेक्ट कर सकते है।
- इसी technique की ख्यमता ज़्यादा होता है कि आप एक डिबार के आरपार भी कनेक्ट कर सकते हो।
- Bluetooth अन्य wireless technique से सस्ती होता है।
- ये डिवाइस में कनेक्ट होने के बाद डिवाइस में कम डेटा खपत होती है।
Conclusion
आज हमने ये सीखा की bluetooth क्या है और काम कैसे करता है। उमीद करता हु की आपको हमारा ये लिख पसंद आया होगा , यदि आप को पसंद आया हो तो कमेंट में अपना राय जरूर दे। Thank you