दोस्तों आज हम बात करेंगे LCD के बारे में, यहां पर details में हम बताने वाले हैं कि LCD क्या है कैसे काम करता है सारे चीज चीज इसी लेख के माध्यम से जानेंगे । जाने से पहले आपको बता दूं कि यह लेख का just पहले LED के बारे में हम जाने थे जो कि foreword bios में कार्य करता है अगर आप वो लिख नहीं पढ़ा है तो जाकर जरूर पढ़िए।
LCD क्या है
LCD एक flat, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका उपयोग आम तौर पर टेलीविजन, कंप्यूटर, स्मार्टफोन में स्क्रीन के रूप में किया जाता है और अभी भी चल चित्र बनाने के लिए संकेत प्रदर्शित करता है।Liquid crystal display एक flat-panel display या अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूप से संशोधित optical डिवाइस होता है जो ध्रुवीकरण के साथ मिलकर लिक्विड क्रिस्टल के light-modulating गुणों का उपयोग करता है।
Liquid crystal उन यौगिकों को संदर्भित करता है जो क्रिस्टलीय व्यवस्था में होते हैं, लेकिन तरल की तरह प्रवाह कर सकते हैं। प्रकाश स्रोत एक तरल-क्रिस्टल सामग्री से गुजरता है जिसे या तो block किया जा सकता है या प्रकाश को संचारित किया जा सकता है। 2 glass plate, जिनमें से प्रत्येक में दूसरे को समकोण पर एक प्रकाश ध्रुवीकरण होता है, एक लिक्विड क्रिस्टल सामग्री को sandwich करता है।
Liquid crystal display (LCD) एक flat-panel display है जो लिक्विड क्रिस्टल के light-modulating गुणों का उपयोग करता है। तरल क्रिस्टल सीधे प्रकाश का उत्सर्जन नहीं करते हैं, इसके बजाय उपयोग करते हैं color या monochrome में छवियों का उत्पादन करने के लिए एक बैकलाइट या रिफ्लेक्टर।
एलसीडी मनमानी छवियों (सामान्य प्रयोजन के कंप्यूटर प्रदर्शन के रूप में) या कम सूचना सामग्री वाली निश्चित छवियों को प्रदर्शित करने के लिए उपलब्ध हैं, जिन्हें प्रदर्शित या छिपाया जा सकता है, जैसे कि पूर्व निर्धारित शब्द, अंक, सात खंड प्रदर्शन, एक अंक घड़ी में के रूप में।
Protocol क्या होता हैं? प्रोटोकॉल कितने प्रकार के होते हैं? Protocol in Hindi
Full form of LCD
LCD- Liquid Crystal Display
Types of LCD/एलसीडी के प्रकार
- Dynamic Scattering Display(DSD)
- Field Effect Display(FED)
Construction of Dynamic scattering display
यह tin oxide या indium oxide के साथ लेपित दो ग्लास प्लेटों से मिलकर बनता है। अंदर पर 5-50 माइक्रोमीटर की छड़ के आकार के लिक्विड क्रिस्टल लेयर द्वारा अलग किए गए दो पारदर्शी इलेक्ट्रोड हैं। Front sheet की ऑक्साइड coating एक या मल्टी सेगमेंट पैटर्न का उत्पादन करने के लिए बनाई गई है।
एक कमजोर लागू विद्युत क्षेत्र विद्युत क्षेत्र की दिशा में अणुओं को संरेखित करता है।जब वोल्टेज threshold मान domain संरचना से अधिक हो जाता है और उपस्थिति बदल जाती है। वोल्टेज की वृद्धि के रूप में आगे प्रवाह अशांत हो जाता है और पदार्थ वैकल्पिक रूप से अमानवीय हो जाता है। इस राज्य में सभी दिशाओं में प्रकाश में प्रकाश और कक्ष चमकीला दिखाई देता है।
Construction of Field effect display
संविधान अपवाद के साथ गतिशील के समान है कि पतली ध्रुवीकरण ऑप्टिकल को प्रत्येक ग्लास शीट के अंदर रखा गया है। एलसीडी मटीरियल twisted nematic टाइप का है जो बाद में energized नहीं होने पर सेल से होकर गुजरने वाले ध्रुवीकरण की दिशा बदल देता है। प्रकाश को ऑप्टिकल फिल्टर से गुजरने की अनुमति देता है और सेल उज्जवल दिखाई देता है। जब कोशिका सक्रिय होती है तो प्रकाश के मुड़ने की गति नहीं होती है और कोशिका सुस्त दिखाई देती है।
Structure of LCD
इसका “लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले” कहा जाता है क्योंकि इन compound में अणुओं की crystalline व्यवस्था होती है, और फिर भी वे एक तरल की तरह बहते हैं।
Flat-panel LCD का आमतौर पर nematic (threadlike) liquid-crystal compounds का उपयोग होता है जो rod-shaped के अणुओं की लंबी कुल्हाड़ियों को संरेखित करते हैं।
Construction of LCD
LCD कैसे काम करता है
दोस्तों जो हम image display पर देखते हैं वह pixel की बना होती है और हर एक pixel में 3 sub pixel होता है। ये 3 sub pixel red, green, blue रंग का होता है और इन्ही 3 रंगों से मिलकर हजारों रंग बनते हैं तो दोस्तों आइए इसे हम अच्छी तरहा से समझ लेते हैं।
दोस्तो जैसेही आप display on करते हो तो backlight से रोशनी निकलकर polarized फिल्टर में जाती है उसके बाद TFT transparent glass से गुजरते हुए liquid crystal में जाती है, liquid crystal से पास होने के बाद color filter से गुजरती है और फिरसे polarized filter से पास होती हुई image banate है। सुरु में आती है backlight ओर LCD diaplay में CCFL backlight का इस्तेमाल किया जाता है जो रोशनी देता है जिसे हम display को देख पाते है। CCFL की full form है Cold Cathode Fluorescent Lamp.
ये display को रोशनी देता है उसके बाद लाइट जाती है polarized filter में, इसका काम होता है लाइट को एक ही axis पर प्रोपागेट करना और इसे हम polarization of light भी कहते है।दोस्तो जब किसीभी source में लाइट आ रही होती है तो वो हर axis पर बिखरी हुई होती है।
तो इसी बिखरी हुई लाइट को ही axis पर आगे भेजा जाता है और यह काम polarized फिल्टर करता है । polarized फिल्टर दो प्रकार के होते होते हैं एक vertical polarized filter दूसरा horizontal polarized filter. यह vertical का काम होता है vertical axis पर आ रही लाइट web को फिल्टर या पास करना,और horizontal का काम होता है होरिजेंटल पर आ रही web पास करना तो आगे लाइट तो आगे लाइट जाता है TFT(Thin Film Transistor) ग्लास में ।
आइए इस प्रक्रिया को अच्छे से समझते हें
यह TFT transistor क्लास की बनी होती है जिसमें हर एक पिक्सेल की की ब्राइटनेस को कंट्रोल करने के लिए एक ट्रांजिस्टर लगा होता है । इसमें 1000 सब पिक्सेल के साथ 1000 ट्रांजिस्टर लगा होता है ।
उसके बाद लाइट जाता है liquid crystal में यह सॉलिड और और लिक्विड के बीच का एक मैटेरियल होता है जिसके मॉलिक्यूल घूम कर मुद्दे होते हैं 90 डिग्री पर और इसी अवस्था में लाइट आसानी से पास हो जाता है और यह सब फिक्सएल को on कर देता है जब इसी लिक्विड क्रिस्टल पर इलेक्ट्रिक फील्ड अप्लाई किया जाता है इसके मॉलिक्यूल इलेक्ट्रिक फील्ड के के दिशा में aline हो जाता है जिसके वजह से क्रिस्टल से लाइट पास नहीं होती है और इसी अवस्था में सब पिग्सल off रहता है ।
हर एक पिक्सेल के पिक्सेल के के एक ट्रांजिस्टर होता है वही ट्रांजिस्टर ट्रांजिस्टर ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रिक सिग्नल के अनुसार लिक्विड क्रिस्टल पर voltage apply करता है और उसी के कारण पिक्सेल ब्राइटनेस कंट्रोल की जाती है और यह लाखों-करोड़ों पिक्सएल इलेक्ट्रिक सिग्नल के अनुसार on या off और कम या ज्यादा ब्राइट करते हैं और इस कारण हमें इमेज दिखाई देता है।
LCD की इस्तेमाल
LCD में LED की power loss कम होता है अतः LCD को उस स्थान पर पर प्रयोग किया जा सकता है जहां power loss कि समस्या हो। जिसे calculator, digital watch etc. ये तीव्र प्रकाश(bright light) में और अधिक चमकते हैं जबकि एलईडी तीब्र प्रकाश में आसानी से दिखाई नहीं देता है। LCD का जीवन काल(Life time)कम होता है तथा इन्हीं circuit में प्रयोग करना कठिन होता है। LCD, AC voltage द्वारा प्रचलित होता है जिसकी आकृति 30 HZ से 1000HZ(1KHZ) के मध्य होता है।
Parts of LCD
दोस्तो LCD का parts में से सबसे पेहले आता है
- Backlight( ये screen की लाइट होता है)
- Polarized filter( ये extra लाइट को फ़िल्टर करता है,ये दो तरहा कि होते है Horizontal, Vertical.
- Color filter (ये normal लाइट को कलर लाइट में बदल देता है।
- Liquid crystal( लाइट को बेंड कर देता है)
Advantages of LCD /एलसीडी के फायदे
- LCD को 60 इंच aur 150 cm विकर्ण के बड़े आकार में बनाया जा सकता है।
- कम बिजली की खपत के कारण ऑपरेशन के दौरान छोटी गर्मी निकलती है।
- यह चुंबकीय क्षेत्र द्वारा प्रभाव नहीं डालता है।
- यह कैथोड रेड ट्यूब मॉनिटर की तुलना में बहुत पतला है।
Disadvantages of LCD /एलसीडी के नुकसान
- कम बिजली की खपत के कारण ऑपरेशन के दौरान छोटी गर्मी निकलती है।
- यह चुंबकीय क्षेत्र द्वारा प्रभाव नहीं डालता है।
- यह कैथोड रेड ट्यूब मॉनिटर की तुलना में बहुत पतला है। कर सकते हैं और इसके विपरीत संगत नहीं होते है।
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6 Difference between LCD and LED
LCD | LED |
Liquid Crystall Display | Light Emitting Diode |
ये light crystall based काम करता है। | ये लाइट emitting based काम करता है। |
इसका picture quality LED से थोड़ा कम होता है। | इसका picture quality LCD से अच्छा होता है किउंकि इसमे VA pannel या IPS pannel का इसतेमाल किया जाता है। |
colour quality LED के तरहा अच्छा नेही होता। | LED में colour quality LCD के मुक़ाबिले अछे होते है किउंकि इसमे 8GB LED backlight का इस्तेमाल होता है। |
LCD में mercury का इस्तेमाल होता है। | LED में mercury का इस्तेमाल नेही होता है। |
All LCD are not a subset of LED TV. | All LED are subset of LCD TV. |
Conclusion
हम बात कर चुके है secrets of LCD के बारेमे। उमीद करता हु की अब आप को पता चेल गेया होगा कि एलसीडी क्या है और कैसे काम करता है। तो हमारा ये लिख आपको केस लगा कमेंट में जरूर बताइए ओर आपने दोस्तो के पास शेयर कीजिए ताकि आपके सारे दोस्तको भी एलसीडी के बारेमे कुछ जानकारी मिल जाये। धन्यबाद
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