यदि आपके पास कंप्यूटर या मोबाइल है आप आईपी एड्रेस के बारे में जरूर सुना होगा। क्या आपको पता है आईपी एड्रेस क्या है। आईपी एड्रेस के कितने प्रकार होते हैं। तो आज हम इसके बारे में जानने जा रहे हैं।
इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) के बारे में जानने से पहले मैं आपको एक प्रश्न पूछना चाहूंगा। आप इसका उत्तर हमारा कमेंट बॉक्स में जरूर दीजिए। क्या आप कभी ऑनलाइन से किसी प्रकार के चीज मंगाए है? यदि हां वहां पर आपको अपना सारी जरूरी इंफॉर्मेशन देना होता है जिससे कि वह चीज आप के रहने वाले एड्रेस में आकर पहुंच पाए। जरा सोचिए क्या आपके पास वह चीज पहुंच पता यदि आप अपने पूरा एड्रेस नहीं देते? कभी भी नहीं। IP address का काम कंप्यूटर पर ही होता है। आइए जान लेते इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) का परिभाषा क्या है?
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इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) क्या है
इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी आईपी एड्रेस एक यूनिक एड्रेस बताएं जो इंटरनेट और लोकल नेटवर्क पर हमारी डिवाइस के साथ कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल होता है। इसको हम इंटरनेट प्रोटोकोल भी बोलते हैं मतलब इसका पूरा नाम होता है इंटरनेट प्रोटोकोल। संपूर्ण रूप में यह एक इंटरनेट में आईडेंटिफायर है जो हमारा लोकेशन जैसे तथ्य को उसके साथ रखता है, इसलिए के यह हमारा डिवाइस को कम्युनिकेशन के लिए एक्सेस कर पाए। अभी तक दो Versions में उपलब्ध हुआ है। यह है 1. IPv4 2. IPv6
इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) के वर्जन
IPv4
1983 मैं Develop किया गया था। IPv4 32 bit में उपलब्ध होते हैं जो कि दसमलक यानी Decimal फॉर्मेट पर चार अलग-अलग पार्ट में बिभजित होते हैं। यह decimal को छोड़कर बाइनरी और हेक्साडेसिमल फॉर्मेट में भी उपलब्ध होते हैं। पहले के समय में IPv4 आईपी ऐड्रेस बहुत कम डिवाइस में उपलब्ध होते थे और अभी के समय में लगभग सारे डिफेंस में ipv4 इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) उपलब्ध हो जाते हैं।
IPv6
आप जानते होंगे अभी का जमाना डिजिटल का जमाना है यहां पर इंटरनेट उपभोक्ताओं का संख्या बढ़ते जा रहा है। उसी को देखकर बाद में जाकर IPv6 को डेवलप किया गया। जहां पर कोई समय में अगणित ip-address को बना जा सकता है। IPv6 182 bits मैं उपलब्ध कराया गया जहां पर ipv4 सिर्फ 32 bits का होता है। यहां पर कोई सरी तकनीक को इस्तेमाल किया गया हे जिसके द्वारा यह इतना समर्थ हो गया क्या यह पूरी के पूरी नेटवर्क मैं अपने आप कुछ बदलाव कर सकता हैं। आजकल जितना भी कंप्यूटर आते हैं और जितना भी सर्भर आ रहे सभी IPv6 आईपी एड्रेस का सपोर्ट करते है।
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IP address केसे पता करे
यदि आप अपना इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) पता करना चाहते हैं तो मैं अभी दोस्तों बताऊंगा जिसकी मदद से आप अपना आईपी एड्रेस को आसानी से पता लगा सकते हैं।
ऑनलाइन से
यदि आपके पास इंटरनेट का कनेक्शन मौजूद है तो आप उसको बहुत आसानी से पता कर सकते हैं आपको किसी भी डिवाइस पर इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) जानना हो तो उसी डिवाइस का ब्राउज़र पर जाकर What is My IP address लिख कर सर्च करना है आपके सामने आप का आईपी ऐड्रेस दिखाई देगा। नहीं तो आप ये Website whatismyipaddress.com पे जाकर अपना आईपी एड्रेस देख सकते हैं। यह सभी से आसान तरीका है जिसके द्वारा आप अपना आईपी एड्रेस को आसानी से ढूंढ सकते हैं।
ऑफलाइन से
कभी-कभी ऐसा होता है कि आपके पास इंटरनेट का कनेक्शन मौजूद नहीं रहता इसी खेत्र में आप को कुछ आसान तरीका Follow करना होगा जिसकी द्वारा आप अपना इंटरनेट प्रोटोकॉल को ढूंढ सकते हैं। यह अलग-अलग डिवाइस में अलग-अलग प्रकार में ढूंढा जा सकता है। आइए देख लेते हैं ये सब प्रक्रिया को।
- Android Phone(एंड्रॉयड फोन)
Settings पर जाएं > उसके बाद About Phone > Status > IP address
- iPhone (आईफोन)
Setting पर जाएं > WiFi ऑप्शन्स को चुने > Click i in a circle > IP address in the DHCP tab
- Windows (विंडोज़)
कमांड का इस्तेमाल करें > Windows सर्च में CMD लिख के इंटर करे > “ipconfig” टाइप करे (बिना कोटेशन का)> Copy the IP address
IP address के प्रकार
आईपी ऐड्रेस बहुत सारे होते हैं। जहां पर आईपी ऐड्रेस कोई सारे नंबर और लेटर में बना हुआ होते हैं उन इंटरनेट प्रोटोकॉल(आईपी एड्रेस) का अलग-अलग काम भी होते है। तो आइए देख लेते हैं आईपी ऐड्रेस का कुछ प्रकार।
Private IP address
Public IP address
Dynamic IP address
Static IP address
Dynamic और static IP address में अंतर
Dynamic IP address | Static IP address |
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1.डायनेमिक आईपी ऐड्रेस DHCP के द्वारा प्रोवाइड किया जाता है। | स्टैटिक आईपी ऐड्रेस ISP (Internet service provider) के द्वारा प्रोवाइड किया जाता है। |
2.यह कभी भी किसी भी समय पर चेंज हो सकता है। | Static IP address डायनेमिक आईपी ऐड्रेस की तरह किसी भी समय में चेंज नहीं हो सकता। यदि स्टैटिक आईपी ऐड्रेस को Provide किया गया है तो आप उसमे किसी भी प्रकार के चेंज या मॉडिफाई नहीं कर सकते। |
3.इसमें स्टैटिक आईपी एड्रेस की तुलना से थोड़ा कम रिस्क रहता है। | सिक्युरिटी के मामले में ये ज्यादा सिक्योर नहीं है। |
4.इसको Designate करना आसान है। | इसको Designate करना बहुत मुश्किल है। |