हेलो दोस्तों. स्वागत है और एक नए लेख में. आज हम बात करने वाले हैं Software Kaise Banaye In Hindi. दोस्तों आप सभी ने सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन का नाम जरूर सुनते होंगे. और आपके मन में भी यही कभी ना कभी ख्याल आया होगा इसको बनाया कैसे जाते हैं जो हम इतना आसानी से कोई भी चीज को कर पाते हैं. यदि मैं आपको अभी उदाहरण देने जाऊंगा तो आप कोई भी मैथमेटिकल कैलकुलेशन मैनुअली कर रहे हो परंतु यदि आपके पास कैलकुलेटर का सॉफ्टवेयर होगा तो, कितने भी बड़े कैलकुलेशन क्यों ना हो उसी को कुछ ही सेकंड में हमने निकाल सकते हैं. तो सॉफ्टवेयर आपका काम को ऐसे ही आसान बना देते हैं.
सॉफ्टवेयर को डेवलप करना या बनाना इतना भी आसान काम नहीं है पर इतना भी परेशानी होने वाली बात भी नहीं है क्योंकि आज के जमाने में ऐसे बहुत सारे टूल्स आ चुके हैं जिसकी मदद से आप कुछ ही सेकंड में अपना खुद का सॉफ्टवेयर भी बना सकते हैं. आपको ही पता होगा सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कोडिंग की जरूरत होती है और बहुत सारे लैंग्वेज एस के बारे में जानकारी रहना भी जरूरी है. पर आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप बिना कुछ भी कोडिंग के सॉफ्टवेयर कैसे बनाते हैं.
Software Kaise Banaye In Hindi
सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कोडिंग की जरूरत होती है चाहे वह android सॉफ्टवेयर हो या desktop सॉफ्टवेयर हो, और यह कोड बाइनरी लैंग्वेज(binary language) में लिखा होता है, बाइनरी लैंग्वेज ‘0,1’ को ही कहा जाता है। इसको लिखने के लिए Java, C, C++,vb.net,asp.net,आदि की जरूरत होती है।
एंड्राइड एप्प/ सॉफ्टवेयर कैसे बनाया जाता है
आज का जमाना मोबाइल इंटरनेट का जमाना है. आजकल हर किसी के पास स्मार्टफोन जरूर देखने को मिलेगा. स्मार्ट फोन के अंदर एंड्राइड IOS का ऑपरेटिंग सिस्टम देखने को मिलते हैं. IOS ऑपरेटिंग सिस्टम के मामले में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा आसान होते हैं इस्तेमाल करने के लिए और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाली स्मार्ट फोन सस्ते भी होते हैं. इसीलिए ज्यादा लोग के पास एंड्रॉयड मोबाइल देखने को मिलते हैं और लोग इसे ही ज्यादा ही इस्तेमाल करना चाहते हैं. तो आइए जानते हैं एंड्राइड एप्प/ सॉफ्टवेयर कैसे बनाया जाता है.
मोबाइल से सॉफ्टवेयर कैसे बनाया जाता है | Mobile Software Kaise Banaye In Hindi
अभी जो हम तरीका बताने वाले हैं उसी तरीके में ऐसे नहीं कि सिर्फ आप मोबाइल से बना सकते हैं आप उसी तरीका को इस्तेमाल करके डेक्सटॉप या लैपटॉप पर भी सॉफ्टवेयर बना सकते हैं. पहले आप आपका मोबाइल या लैपटॉप में ब्राउज़र को ओपन करना है और उसी में appsgeyser.com सर्च करना है. सर्च करने के बाद आपको कुछ इस तरह का इंटरफेस दिखाई देगा जैसे हम नीचे फोटो में दिखाए हैं.
सॉफ्टवेयर बनाने के लिए बहुत सारे एप्लीकेशन या वेबसाइट आपको मिल जाएंगे पर अभी हमने जो वेबसाइट बताएं हैं उसमें कोई भी सॉफ्टवेयर बनाना बहुत ही आसान है और बिल्कुल फ्री है यदि आप कुछ प्रोफेशनल तरीके से सॉफ्टवेयर बनाना चाहते हैं या कुछ ज्यादा कस्टमाइजेशन करना चाहते हैं तो आपको उसी में प्रीमियम प्लान Purchase कर सकते हैं.
इसी वेबसाइट पर आने के बाद आपको ऊपर लॉगइन का ऑप्शन दिख रहा होगा. जहां पर जाकर आपको ईमेल आईडी और पासवर्ड की मदद से नहीं तो आपका जीमेल आईडी की मदद से उसी वेबसाइट पर आपका अकाउंट बनाना पड़ेगा ताकि आप जो भी प्रोजेक्ट/ सॉफ्टवेयर बना रहे हो उसी में सुरक्षित रहे. आप यदि पहले लॉगिन नहीं करना चाहते तो आप उसको Skip कर सकते हैं परंतु आपको कोई भी एप्स बनाकर डाउनलोड करने के लिए log in करना पड़ेगा.
लॉगइन करने के बाद आपको उसी पेज में मैं एप्स फॉर फ्री का एक ऑप्शन मिल जाएगा जहां पर आप क्लिक करके आसानी से कुछ आसान स्टेप में कोई भी सॉफ्टवेयर को बना सकते हैं. और एप्लीकेशन डेवलप करना बहुत प्रैक्टिकल चीज है सिर्फ आप यदि पढ़ता जाएंगे तो आप शायद उसको ठीक से ना समझ पाए इसीलिए आपके सुविधा के लिए नीचे हम एक वीडियो दिए हैं जिसको आप देखकर आसानी से इसे कंप्लीट कर सकते हैं.
प्ले स्टोर पर अपना ऐप कैसे बनाएं | Playstore Software Kaise Banaye In Hindi
अभी सबसे बड़ा सवाल यही है कि हमने सॉफ्टवेयर बना तो लिया पर उसी को लोगों को कैसे पहुंचा जाए और कैसे वहां से पैसा कमा जा सके. यह भी बहुत आसान काम है सबसे बड़ा तरीका है होता है अपना सॉफ्टवेयर को प्ले स्टोर पर पब्लिश करके वहां से लोगों तक पहुंचा जाए और जो हम लोग उसको डाउनलोड करके इंस्टॉल करेंगे वहां से आप पैसा कमा सकते हैं. तो आइए देखते हैं प्ले स्टोर पर अपना ऐप कैसे बनाएं.
प्ले स्टोर पर अपना ऐप बनाने के लिए कुछ इस तरह का स्टेप फॉलो करना पड़ेगा.
आपको हम पहले भी बता देना चाहते हैं कि प्ले स्टोर पर एप्लीकेशन पब्लिश करने के लिए पहले गूगल प्ले डेवलपर कंसोल पर रजिस्टर करना पड़ता है और रजिस्टर करने के लिए आपको कुछ 25 Dollar का चार्जेस लगते हैं. यदि आपके पास रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ भी पैसे नहीं है तो आप हमारा दूसरा तरीका को पढ़ सकते हैं कैसे आप एप्लीकेशन बनाके पैसा कमा सकते हैं.
- Step 1: Go to Google Play Developer Console
- Step 2: Complete Registration( Paid)
- Step 3: Select the APK file
- Step 4: Give important info. and Application screenshot
- Step 5: Publish
गूगल प्ले स्टोर डेवलपर कंसोल पे कैसे रजिस्टर करना है इसके ऊपर कंप्लीट वीडियो टुटोरिअल हम नीचे दिए हैं अब चाहे तो उसी को देख कर अपना रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कंप्लीट कर सकते हैं और एप्लीकेशन को पब्लिश कर सकते हैं.
Popular android generator software website की नाम जानते हैं यह कुछ website है जैसे ibuldapp.com इसके मदद से आप बिना कोडिंग के एप्लीकेशन बना सकते हो। इसको प्रयोग करना बहुत ही आसान है और यह android एप्लीकेशन के लिए बहुत सी डिजाइन उपलब्ध करता है और भी कुछ वेबसाइट है जो कि andromo.com, mobicube.com.
Disclamer: Play Store में बहुत ही एप्लीकेशन मिलेगा जो कि सॉफ्टवेयर बनाते हैं पर आपको बता देता हूं कि यह सॉफ्टवेयर redirecting करके यूजर को आपकी website या channel का लिंक provide करती है। आपको एक professional प्रोग्रामर बनाना है तो आपको कोडिंग सीखना जरूरी है। और एक बात ये है कि play store वाले एप्लीकेशन से आप सॉफ्टवेयर बनके पैसा नहीं कमा सकते।
सॉफ्टवेयर बनाकर कैसे पैसा कमाए
आप सॉफ्टवेयर भी बना लिया, और अभी हम भी जाने वाले हैं कि कैसे हम इससे पैसा कमा सकते हैं. ऊपर हमने प्ले स्टोर पर पब्लिश करके उसी में कई तरह का एडवर्टाइजमेंट नेटवर्क का इस्तेमाल करके आपकी एप्लीकेशन पर विज्ञापन चला सकते हैं और जब कोई भी यूजर आपका एप्लीकेशन में आकर कोई भी विज्ञापन में क्लिक करता है तो आप उसी से पैसा कमा सकते हैं. पर बहुत सारे लोगों को प्ले स्टोर पर एप्लीकेशन का अप्रूवल नहीं मिलता और कुछ लोगों ने पहले पहले Paid Registration के चलते प्ले स्टोर पर खुद का एप्लीकेशन को पब्लिश नहीं कर पाते.
यदि आपके पास भी कुछ इसी तरह का प्रॉब्लम है तो आपको परेशानी होने की कोई जरूरत नहीं है. अभी हम जाने वाले हैं कि बिना प्ले स्टोर पर एप्लीकेशन को पब्लिश किए भी कैसे हम पैसा बना सकते हैं.
आपको पता होगा कि फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे बड़े-बड़े सोशल मीडिया पर लोगों ने पेड़ प्रमोशन करते हैं. यदि आपके पास कुछ हद तक पैसा है तो आप उसी में आपका सॉफ्टवेयर का विज्ञापन डाल कर लोगों से डाउनलोड करा सकते हैं और जब लोग आपका सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने लगेंगे आप वहां से पैसा बना सकते हैं. ऐसे और भी बहुत सारे तरीके हैं जिसके बारे में हम नीचे दिया गया लेख में विस्तृत रूप में बताए हैं आप उसी को जाकर पढ़ सकते हैं और जान सकते हैं कि सॉफ्टवेयर बनाकर कैसे पैसा कमाए.
Speaking सॉफ्टवेयर कैसे बनाते है
Speaking software होता ये कि आप उसमें जो भी टाइप करके लिखोगे तो वह आपको वह चीज आपको वही चीज बोलकर सुनाएगा, तो चलिए जान लेते हैं speaking software बनाना कैसे है।
यह सॉफ्टवेयर बनाने में आपको नोटपैड की जरूरत पड़ेगी और एक लिख की जो मैंने नीचे दे दिया है
पहले आपको नोटपैड को ऑन करना पड़ेगा उसी को ऑन करके बाद एक डांटा आपको टाइप करना हो जो कि मैं ऊपर दे दिया है, उसके बाद यह डाटा को सेव कर देना है और वहां पर file name पे स्पीकिंग सॉफ्टवेयर दोगे, और वहां पर location दे कर सेव कर देना है, और हां उसका intention देख लीजिएगा एक बार क्योंकि उसका intention गलत हो तो पूरी software गलत हो जाएगा।
अब speaking सॉफ्टवेयर बन चुका होगा तो उसी को अगर आप इस्तेमाल करना चाहते हो या एक बार चेक करना चाहते हो तो पहले आपको करना यह है कि,
पहले आपको स्पीकिंग सॉफ्टवेयर icon पर क्लिक करना है, करने के बाद वहां पर एक interface आएगा यहां पर लिखने के लिए या टाइप करने के लिए कुछ जगा होगा जिसके ऊपर आप जो भी टाइप करोगे वह आपको बोलकर सुनाएगा। और एक खास बात इसमें है कि यह आपको बता देगा कि आपका कंप्यूटर male है या female है।
प्रोग्राम किसे कहते है
प्रोग्राम और कुछ नहीं बल्कि एक मशीन के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए निर्देश प्रोग्रामिंग भाषा की एक सूची का उपयोग किया जाता है। विभिन्न प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा हैं, उनमें से एक ‘java’ एक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग coding के लिए किया जाता है।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किसे कहते है
यह एक कृत्रिम भाषा(Artificial language) है जिसे किसी मशीन को निर्देश देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उपयोग प्रोग्राम बनाने के लिए किया जा सकता है जो मशीन के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।
Typing of programming language
हमारा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मुख्यतः दो प्रकार का होता है जथा
- High level language
- Low level language
1. High level language
High level language पोर्टेबल होता है और statements अंग्रेजी भाषा की तरह है अमूर्तता की मात्रा प्रोग्रामिंग भाषा के स्तर को परिभाषित करती है। ये high level language दो प्रकार का होता, एक है Procedural, Object oriented.
A. Procedural: –
प्रक्रियात्मक भाषा(Procedural language) कार्यक्रमों को समस्याओं को हल करने के लिए steps के अनुक्रम में लिखा जाता है।
B. Object oriented: –
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्राम(Object oriented program) प्रतिभागी ऑब्जेक्ट(participating object) के बीच functions का interaction है।
2. Low level language
Low level language एक ऐसा language है जिस को मशीन समझ सकता है और ये दो प्रकार का होता है, एक है machine language, assembly language.
A. Machine language: –
मशीनी भाषा एक ऐसी भाषा है जो सीपीयू पर सीधे चल सकती है। यह numeric होते हैं जिसका अर्थ है 0 और 1 की श्रृंखला में एक निर्देश है जो एक कंप्यूटर समझ सकता है। यह मशीन कोड(machine code) को मैन्युअल(manually) रूप से लिखने के लिए एक त्रिज्या(tedious) और त्रुटि-प्रवण(error prone) बनाता है।
वे पोर्टेबल(portable) नहीं हैं, एक विशेष प्रकार की मशीन के लिए विशिष्ट मशीन भाषा है। अंततः सभी भाषाओं को मशीनी भाषा में अनुवाद करने की आवश्यकता है।
B. Assembly language: –
Assembly language help एलिमेंट में ज्यादातर त्रुटि प्रवण और समय लेने वाली मशीन भाषा प्रोग्रामिंग है। यह शेष 1and0 को निर्देश के साथ बदल देता है जो संबंधित मशीन भाषा (corresponding machine language) के लिए मेमनोनिक कोड (mnemonic code) हैं।
Difference between Procedural and Object oriented
PROCEDURAL | OBJECT ORIENTED |
यह function पर अधिक ध्यान देने के साथ एक शीर्ष डाउन(Top down) दृष्टिकोण का पालन करता है। | जहां डेटा पर अधिक focus है वहां एक bottom up approach का पालन करें। |
इसके पास डेटा छिपाने का उचित तरीका नहीं है। | एक वर्ग में डेटा और function को लपेटने(wrapping) में मदद करता है। |
इसमे data सुराखित नेही होता है। | यह सुरक्षित कार्यक्रमों के निर्माण में मदद करता है। |
Code interdependent होता है। | Code modular होता है। |
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C
यह एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसके सहायता से आप एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर का निर्माण कर सकते है। यह एक high level language है और इसको आप आसानी से सीख सकते हैं। अगर इसी language को आप सीख गए तो आपको programming language सीखने में काफी आसान हो जाएगा।
इसको सीखने के लिए आपको basic जानना बहुत जरूरी है। जब आप सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके कोई भी प्रोग्राम बनाते हैं, प्रोग्राम बनाने के बाद जब आप इसको run करोगे,अगर यहां पर गलती होगी तो वहां पर एक error आएगा और उसी error को आपको हटा देना है।
C++
C++ एक object oriented programming language है जिसका विकास 1980 में Bjarne Stroustrup द्वारा अमेरिका में हुआ था इसका इस्तेमाल system software बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पहले इसका नाम ‘C with classes’ था 1983 में C++ रखा गया।ये काफी highly मशीन के साथ interact होता जिसके कारण हम लोगों को काफी आसानी होता है उस language पे code करना।
OOPS( Object Oriented Programming System) के concept को C++ के द्वारा काफी आसानी तरीके से सीखा जा सकता है और एक खास बात इसमें है कि इसमें है कि अगर आप C++ को अच्छी तरीके से सीख लेते हो तो आपको किसी भी object oriented language को सीखने ज्यादा देर नहीं लगेगा।
इसका प्रयोग ORACLE database, mySQL, My SQL server, Apache server, सॉफ्टवेयर को develop करने के लिए किया जाता है। विभिन्न प्रकार की मोबाइल platform सॉफ्टवेयर, satellite connected software, आदि को C++ language में develop किया जाता है।
Java
Java भी एक object oriented programming language है जिसका 1995 में Sun Micro system ने विकसित किया था। इसका जो पहले नाम था ‘OAK’ , पर उसके बाद में Java में बदल दिया गया। इसको एक high level language माना जाता है क्योंकि इसको मानव के द्वारा बहुत आसान से लिखा या पढ़ा जा सकता है।
Java प्रोग्राम एक साथ कई सारे कार्य कर सकता है, इसकी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन को develop करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सबसे ज्यादा सुरखित language है इसलिए इसका इस्तेमाल web development के लिए किया जाता है। इंटरनेट पर Java दूसरे based language के साथ मिलकर काम करता है।
माइक्रोसॉफ्ट क्या है/ What is microsoft in Hindi
Microsoft एक कंपनी का नाम होता है। कई बार आपने सुना होगा या देखा होगा की MS Word,MS Excel,MS Powerpoint,आदि जैसे नाम,यहां पर जो MS लिखा हुआ है असल में इसका मतलब है microsoft. Microsoft वैसे भी दो शब्द को मिलाकर बनाया गया है एक है micro computer और दूसरा है software.
Microcomputer Software = Microsoft
यह दुनिया की एक सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है। 4 April 1975 को Bill Gates और Paul Allen ने इसको मिलके निर्माण किया था । इसको बनाने का मुख्य मकसद था ऑपरेटिंग सिस्टम को डेवलप करना। 1980 से माइक्रोसॉफ्ट ने microsoft windows,जो कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम थे उसे बनाना शुरू किया।
आज आपने क्या सीखा
आज हमने सीखा की सॉफ्टवेयर कैसे बनाते है और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किसे कहते है और उसके प्रकार के बारेमे।उमीद ये करता हूँ कि आपको इसी लिख से बोहोत कुछ सीखने को मिला होगा जो कि आपका काम आ सके। अगर इसीके सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट में जरूर बताएं।धन्यबाद
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