OSI Model, जिसे OSI Model के रूप में भी जाना जाता है, एक Operating System Interconnection Model है जो Computer networks में Communications के लिए उपयोग होता है। इस Model में, Network communication को 7 Layers of OSI Model In Hindi में विभाजित किया गया है, जिन्हें Layer कहा जाता है। हर Layer विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होती है और Communication protocols को समर्थन करती है। इस लेख में, हम OSI Model In Hindi के different levels के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

7 Layers of OSI Model In Hindi – OSI Model की Layer

OSI Model In Hindi 1
7 Layers of OSI Model In Hindi

Physical Layer

Physical Layer OSI Model का सबसे निचला level है। यह Layer Network hardware के साथ संबंधित होती है और बिना किसी रूपांतरण के डेटा को एक Machine से Second Machine में भेजने या प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है। यह विभिन्न तत्वों को जैसे कि Cable, Hub, Switch, Repeater, और network card से मिलकर बना होता है। Physical Layer data, bits में बदलता है और डेटा को Electronic, Radio, Electricity, या infrared आदि के संकेतों में रूपांतरित करता है।

Data link layer 

Data Link Layer OSI Model का Second level है और Physical Layer के ऊपर आता है। इस Layer का मुख्य कार्य डेटा को Impeccable और Secure ढंग से एक से Second Node के बीच भेजना होता है। यह Layer frames में डेटा को विभाजित करता है और इन Frames को Network पर पहुंचाने के लिए logical address और जाँच पर Message शामिल करता है। यह Layer handshaking, error detection, और Error correction के लिए जिम्मेदार होती है।

Network layer 

Network Layer OSI Model का तीसरा level है और data packets को एक Node से Second Node के बीच रूट करने के लिए उपयोग होता है। इस Layer के द्वारा प्राप्त किए गए पैकेटों को लोगिकल addressing और routing के माध्यम से सही Node तक पहुंचाया जाता है। यह Layer Network का Traffic management करती है और भेजे गए पैकेटों को आवंटित bandwidth के अनुसार व्यवस्थित करती है।

Transport layer 

Transport Layer OSI Model का चौथा level है और end-to-end verification और acceleration के लिए जिम्मेदार होता है। इस Layer का मुख्य उद्देश्य डेटा को Secure और व्यवस्थित ढंग से एक Host से Second Host तक पहुंचाना होता है। यह Layer डेटा को सेगमेंट में विभाजित करती है, पोर्ट नंबर के माध्यम से सत्यापन करती है, डेटा के ट्रांसमिशन की गति को नियंत्रित करती है, और Error को संशोधित करती है।

Session layer

Session Layer OSI Model का पांचवां level है और transport connection की स्थापना और संभालने के लिए जिम्मेदार होता है। यह Layer दो Host के बीच सत्यापन और सत्र संचालन को संभालती है। Session Layer transport connection के बीच एक लॉजिकल सत्र स्थापित करती है, सत्र संचालित करती है, और सत्र को समाप्त करती है। यह सेशन के लिए tokens, synchronization points, और डाटा के संग्रह को समर्थन करती है।

Presentation layer

Presentation Layer OSI Model का छठा level है और डेटा को साधारित करने, encryption, decryption, और डेटा को प्रारूपित करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह Layer डेटा को Machine-directed language में प्रतिष्ठित करती है ताकि एक Host Second Host को Message को पढ़ने और समझने में सक्षम हो। यह Layer डेटा को Compress करने और Decompress करने के लिए भी जिम्मेदार होती है।

Application layer 

Application Layer OSI Model का सातवां और अंतिम level है। इस Layer में Network के User और User Applications को संचालित करने के लिए Different Protocols होते हैं, जैसे HTTP, FTP, DNS, SMTP, और टेलनेट आदि। यह Layer User interface, file transfer, और Network Operations के लिए जिम्मेदार होती है। User Application Layer के माध्यम से Network से संचालित होते हैं और Network से संचालित होने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

OSI Model के फीचर्स | Features Of OSI Model In Hindi

OSI Model एक व्यापक और संपूर्ण networking architecture है जिसमें levelवार systematization और संचालन को प्रदान करने के लिए सार्वभौमिक नियमों का पालन किया जाता है। इसके कुछ मुख्य फीचर्स हैं:

  1. Structural type: OSI Model संरचनात्मक रूप से व्यवस्थित है और विभिन्न level में विभाजित है। यह सुनिश्चित करता है कि हर level अपने कार्यों को निष्पादित करता है और उचित संचालन के साथ संगठित रहता है।
  2. Protocol stack: OSI Model में प्रत्येक level के लिए अलग-अलग Protocols का उपयोग किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न level में डेटा के Communications के लिए उच्चतम level की निर्देशिका अनुसरण की जा सके।
  3. Protocol Ratio: OSI Model में प्रत्येक level का अपना Protocol Ratio होता है। यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न level में Communications के लिए supply-demand का उपयोग किया जाता है और डेटा को सही ढंग से संचालित किया जाता है।
  4. Independent Level Development: OSI Model में प्रत्येक level अपने कार्यों को स्वतंत्र रूप से निष्पादित करता है और अपनी संचालन प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी level में होने वाली Communications के दौरान किसी अन्य level पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  5. Protocol Testing: OSI Model के प्रत्येक level में उपयोग होने वाले प्रोटोकॉल को संचालित करने के लिए विशेष Protocol Testing कार्यक्रम होता है। इससे प्रोटोकॉल के सुविधाजनकता और Security का मापन किया जा सकता है।

ये थे कुछ मुख्य फीचर्स जो OSI Model को एक शक्तिशाली और secure networking संरचना बनाते हैं। OSI Model के इस प्रकार के फीचर्स की वजह से यह आजकल सबसे अधिक प्रचलित networking architecture है।

OSI Model के फायदे | Advantages Of OSI Model In Hindi

OSI Model के उपयोग के कारण कई फायदे हैं। यहाँ कुछ मुख्य फायदे हैं:

  1. Standardized structure: OSI Model एक standardized संरचना है जिसका उपयोग विभिन्न networking devices के बीच Communications को सुगम बनाने के लिए किया जा सकता है। यह irreversible strategic networking को सुनिश्चित करता है जो विभिन्न devices के Communications की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होता है।
  2. Supply-Demand Balance: OSI Model में level systematization के कारण, उपयोगकर्ताओं को supply-demand balance के लिए Secure और प्रभावी तरीके से Communications करने की अनुमति होती है। एक level पर होने वाले परिसंचरण को Second level पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे Communications का संचालन और प्रबंधन सरल होता है।
  3. Development of new protocols: OSI Model में level systematization के कारण, नये Protocols की विकास और अनुकूलन आसान होता है। प्रत्येक level पर Protocols के अलग-अलग नवीनीकरण को सुनिश्चित करने से, नए और प्रगतिशील Protocols का विकास संभव होता है जो Secure, तेज़ और अधिक Adaptive Communications को संभव बनाते हैं।
  4. More Security: OSI Model में Security महत्वपूर्ण अंश है। प्रत्येक level पर Security उपायों को संचालित करने से, networking architecture को Secure बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, OSI Model के Protocols और Structure Security जोखिमों को पहचानने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

OSI Model के इन फायदों के कारण, यह व्यापक रूप से उपयोग होने वाली networking architecture है जो Secure, standardized और candidate Communications को संभव बनाती है।

OSI Model के नुकसान | Disadvantages Of OSI Model In Hindi

OSI (Open Systems Interconnection) Model के कुछ नुकसान हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. Complexity: OSI Model काफी जटिल हो सकता है, जिसके कारण उसे समझना और प्रदान करना मुश्किल हो सकता है। इसमें 7 level होने के कारण, प्रत्येक level के लिए Different Protocols की आवश्यकता होती है, जो अविभाज्य और अलग-अलग हो सकते हैं।
  2. Worth: OSI Model के प्रत्येक level के लिए अलग-अलग Protocols की आवश्यकता होने के कारण, इसके अनुपालन की लागत उच्च हो सकती है। इसलिए, कुछ संगठनों या Network इंजीनियरों के लिए इसे अपनाना कठिन हो सकता है।
  3. Organizational Conflict: OSI Model का एक और नुकसान है कि यह व्यावसायिक Protocols के साथ संघर्ष कर सकता है। यह किसी विशेष प्रोटोकॉल के विकास और Standardization में देरी कर सकता है, जो interoperability और highest security को प्रभावित कर सकता है।
  4. Utility Of More Levels: OSI Model में 7 level होने के कारण, कुछ छोटे Network और यूजर्स के लिए इसका उपयोग अत्यधिक हो सकता है। इसलिए, किसी व्यावसायिक परियोजना में इसका उपयोग करना बेहद अनुचित हो सकता है और अत्यधिक कठिन हो सकता है।

ये कुछ OSI Model के नुकसान हैं जो उनके उपयोग के दौरान ध्यान में रखने चाहिए।

FAQ (OSI Model In Hindi)

OSI Model क्या है समझाइए?

ओएसआई (OSI) Model एक संरचनात्मक Model है जिसे कंप्यूटर Network की समझदारी और संचालन के लिए बनाया गया है। यह Model Communications Protocols को सात विभिन्न level में विभाजित करता है, जहां प्रत्येक level विशेष कार्यों को संचालित करता है और अधिकांश level ऊपरी level की सेवाओं का उपयोग करता है।

कंप्यूटर में Layer कितनी होती है?

कंप्यूटर Network में सात Layer होती हैं जो OSI Model के सात level को प्रतिष्ठित करती हैं।

कौन सी Layer OSI Model में नहीं है?

OSI Model में उपरोक्त सात Layer में से कोई भी Layer “Application” नामक Layer के समान नहीं है।

OSI Model में कौन सी Layer Network Routing, फ्लो कंट्रोल और Error control फंक्शन करती है?

OSI Model में “Network” नामक तीसरी Layer Network Routing, Flow Control और Error control जैसे कार्यों को संपादित करती है।

OSI Model की 7 परतें क्या हैं?

OSI Model की सात परतें हैं:7 Layers of OSI Model In Hindi
-Physical Layer
-Data link layer
-Network layer
-Transport layer
-Session layer
-Presentation layer
-Application layer

OSI Model क्यों बनाया गया था?

OSI Model को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य अलग-अलग networking devices को समन्वयित और आपसी Communications की सुविधा प्रदान करना था। इस Model के द्वारा प्रदान की जाने वाली संरचना ने Exemplary, Performance, Reliability और Security जैसे पहलुओं को सुनिश्चित किया है।

OSI Model के Layer 3 में क्या होता है?

OSI Model के तीसरे level, जिसे “Network” परत कहा जाता है, में Network Routing के कार्य होते हैं। यह परत data packets को उनके लक्ष्य प्राप्तिस्थानों तक पहुंचाने का कार्य करती है और network traffic को नियंत्रित करती है।

निष्कर्ष

OSI Model In Hindi एक महत्वपूर्ण Standardization Model है जो Network Structure और संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करता है। इसके फायदों में Standardization, structural segmentation, cross-platform support, commercial marketing support और organizational management शामिल हैं। हालांकि, इसके नुकसानों में Complexity, Cost, Internal Storage, Communications की विलंबना और धीमा प्रदर्शन शामिल हैं। अगर यह Model सही ढंग से इम्प्लीमेंट किया जाए, तो यह एक विश्वसनीय और Secure Network Structure प्रदान कर सकता है।

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